सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति का वृतांत एवं महत्व

सभी ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रथम कह गए हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर मनुष्य संपूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है और मनोवांछित अभीष्ट फल प्राप्त कर मरने के…

भगवान शिव के अष्टरूपों का वर्णन जिसमे समस्त चराचर जगत व्यापत है

शिव पुराण के अनुसार, यह सारा संसार भगवान शिव के आठ रूपों का ही स्वरुप है ।  भगवान शिव के आठ रूप जो इस संसार से मोक्ष प्रदान करने वाले…

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

|| सिद्ध कुंजिका स्तोत्र ||  । शिव उवाच । शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभोभवेत्।।१।। न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो…

भगवान विष्णु द्वारा रचित भगवान शिव के 1008 नाम (अर्थ सहित )

भगवान शिव के सहस्त्रनामों का स्मरण करने  से प्राणी के सभी दुखों का विनाश हो जाता है | यह उत्तम सहस्त्रनाम रोगों का नाश करनेवाला ,विधा तथा वित्त प्रदान  करनेवाला…

शिव आराधना

शिव चालीसा | द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति | द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्  | शिव आराधना  | शिव प्रातः स्मरण स्तोत्र  |श्री शिव स्तुति |महाशिवरात्रि का महत्व, कैसे करे शिव आराधना  | कलयुग मै पार्थिव शिवलिंग की पूजन…

आरती संग्रह

श्री शिव जी आरती   |  श्री हनुमान जी आरती | गणेश जी आरती | दुर्गा माता आरती | ॐ जय जगदीश हरे | श्री संतोषी माता आरती 

श्री हरि विष्णु के 1000 नाम

भगवान विष्णु के 1000 नाम बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। ये नाम उनकी महिमा, शक्ति और गुणों का परिचय देते हैं। इन नामों को पढ़ने या सुनने से भक्त को आध्यात्मिक…

गायत्री मन्त्र का महत्त्व एवं जप विधि

गायत्री महामन्त्र ॐ भूर्भुवः स्वः।तत् सवितुर्वरेण्यं।  भर्गो देवस्य धीमहि।धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ गायत्री ध्यानम् मुक्ता-विद्रुम-हेम-नील धवलच्छायैर्मुखस्त्रीक्षणै-  र्युक्तामिन्दु-निबद्ध-रत्नमुकुटां तत्त्वार्थवर्णात्मिकाम्‌। गायत्रीं वरदा-ऽभयः-ड्कुश-कशाः शुभ्रं कपालं गुण।   शंख, चक्रमथारविन्दुयुगलं हस्तैर्वहन्तीं भजे॥   गायत्री…